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दूर की हक़ीकत (मेरे ग्रन्थ 'गज़ल-कुञ्ज' से)


दूर से हसीन हर सितारा होता है |
हक़ीकत में आग का शरारा होता है||

बादलों का तन शोला बन जाता है -
पवन की उँगलियों का इशारा होता है ||
   

 इन हठी लहरों को खुद को यों सौंपा क्यों?
डूबते को तिनके का सहारा होता है ||


ओढ़ कर 'निराशा,'मन यत्न छोड़ देता क्यों?
दूर जब नदी का किनारा होता है||  




   
आज तेरे पास है कल मेरे पास होगा -  
 किस्मत का फ़रिश्ता बंजारा होता है ||
 
वही निर्भय, निर्बैर, निष्पक्ष होता है-       
 प्रेम  जिसने हृदय में उतारा होता है ||
   
रूप के जाल में उलझे ऐ लोगो-
पल  भर बसंत का नज़ारा होता है ||
  
किसी एक "प्रसून" की तितली नहीं होती -
निछावर जिस पर दिल हमारा होता है ||
 

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