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देख (एक हकीकत)


पिशाच लालच वाला देख |
पड़ा है जिससे पाला देख ||
चिकनी चुपड़ी बातों का 
 सब पर डाला जादू देख ||
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कभी नीम है, कभी आम है |
ठगता फिरता सारे आम है ||
इसके दिल में कंगाली है -
जेब में इसके भरे दाम हैं ||
नंबर एक की चोरी करके |
प्रेम से या बरजोरी कर के ||
अपनी बड़ी तिजोरी भर के ||
कल का दुबला पतला झींगुर 
आज है मोटा लाला देख ||
किसके किसके मुहँ का छीना -
इसने आज निवाला देख ||१||
 
बड़े होटलों में जाता है |
परियों से मन बहलाता है ||
दाल भात से पेट न भरता -
सोने के बिस्कुट खाता है ||
कितने किये हैं इसने खर्चे-
दीवारों पर चिपके पर्चे ||
जहाँ तहाँ हैं इसके चर्चे ||
उस मंत्री का जीजा है यह- 
उस मंत्री का साला देख ||
अट्टहास कर जुगनूँ चमका-  
बदबूदार उजाला देख ||२||

करता रात दिवस यह पूजा |
काम नहीं है कोई दूजा ||
रोज फांस कर हलाल करता -
मोटी मुर्गी हो या  चूजा ||
कौन गयी है उससे न छली |
फाँसी इसने है हर मछली ||
सब पर इसकी तबियत मचली ||
'बगुला' धर्म-प्रचार कर रहा-
गले में कण्ठी-माला देख ||
गर्दन तक गन्दे ने सब पर-
कीचड खूब उछाला देख ||३|| 
   
यह है कितना अजब तमाशा |
स्वांग रचा है अच्छा खासा ||
है सब को इंसाफ बांटती-
जैसे हो यह दूध बताशा ||
इसे न लज्जा न कोई डर |
नित्य बदलती है अपना वर  ||
रच रच कर हर रोज स्वयम्वर ||
वसन उतारे न्याय करेगी-
यह फ़िल्मी सुर-बाला देख ||
कितना कामी उत्तेजक है-
रूप का गरम मसाला देख ||४||
  
किससे करें सुधार की बातें |
पंक में गंगा -धार की बातें ||
जिससे कहो  उसे लगती हैं -
ये बिल्कुल बेकार की बातें ||
खो कर अपनी आस न रो तू |
इतना अधिक उदास न हो तू ||
भय्या बहुत निराश न हो तू || 
 अंधकार पूरी नगरी में -
बना कलूटा काला देख ||
"प्रसून" दीप जलायेगा अब- 
कोंई हिम्मत वाला देख ||५||  
 

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