गज़ल -कुञ्ज (क्रमश:)-(अ)प्रणाम -(२) प्रियतमा प्रणाम -(ख) प्रियतमा जननी तुमको प्रणाम
>> Tuesday, 19 June 2012 –
गज़ल (आराधना गज़ल)
प्रियतमा जननि !तुमको प्रणाम !!
हर सुख दुःख मेरा तेरे नाम !!
तेरी हर सरिता सुधा वती |
है तेरा सुअंक सुखद धाम ||
तेरे वन, बाग सुभाग सुभग -
इस पर वारी हैं कोटि काम ||
तेरी गोदी में पले सभी-
हो शीत छाँव या तची घाम ||
सब ने पाया है सुख तुम से -
क्या पीर फ़कीर क्या राम श्याम ||
वर दे, पराग बाँटें "प्रसून"-
मत लगे कभी इस पर विराम ||