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मौसमके उपहार

प्रीति -डोर में हमें बाँधने को आया मौसम |
बिखरे रिश्ते, इन्हें साधने को आया मौसम||

वन में नाचे मोर , बादलोँ को जब देखा है-
बात नहीं यह सत्य,नाचने को आया मौसम||

खट्टे-मीठे फल गदराये , पके रसीले हैं-
लगता है उपहार बाँटने को आया मौसम||

बन्ध तनावों के ये सुंदर कस कर जकड़े हैं-
मानो सारे बन्ध काटने को आया है मौसम||

एक शैड में बैठे हैं वारिश से बचने को-
नफ़रत की खाइयाँ बाँटने को आया मौसम||
खिले "प्रसून" सभी डालों पर ,किलकारी भर के-
सुस्ती वाला जाल काटने को आया मौसम||

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दिल मेरा

देखो कितना विकल रहा है दिल मेरा |
ज्यों सीने से निकल रहा है दिल मेरा ||

निराश करने वाली भारी चोटों से -
बोझ विरह का कुचल रहा है दिल मेरा||

उनकी वफ़ा न मिली, हो गया यह पत्थर-
यों तो कोमल कमल रहा है दिल मेरा||

आँख में आये भर आँसू के कन देखो-
धीरेधीरे पिघल रहा है दिल मेरा ||

दर्द के नीरस रेगिस्तानी मौसम में-
मरु- कूपों सा सजल रहा दिल मेरा ||

दुःख,सुख के आरोहों और उतारोंसे -
गिर गिर करके सँभल रहा है दिल मेरा ||

बर्फ की सिल्ली से झरना बनने वाला-
बह जाने को मचल रहा है दिल मेरा ||

मिलन की खबरें जब से पड़ीं है कानों में-
अरे बल्लियों उछल रहा है दिल मेरा ||

हास हमारे होठों पर फिर से आया-
धैर्य-पथ पर अचल रहा है दिल मेरा ||

"प्रसून"के खिलने की आयी अब बारी-
बदला मौसम, बदल रहा है दिल मेरा ||


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दिल मेरा


देखो कितना विकल रहा है दिल मेरा |

व्याकुलता से मचल रहा है दिल मेरा||
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त्य्मने समझा पत्थर की चट्टान है यह|
मिले हुए सन्तापों का अहसान है यह ||
बर्फ़ की सिल्लीसे झरना बनने वाला-
धीरे धीरे पिघल रहा है दिल मेरा ||१||
नफ़रत के जंगल से वापस आया है |
इस पर तेरी हमदर्दी का साया है ||
अब इंसानों का अपना बनने वाला-
प्रियतम मेरे बदल रहा है दिल मेरा ||२||

जब तेरे आने की मैंने खबर सुनी |
बढी हैं खुशियाँ, देखो मेरी कई गुनी||
पतझर का मधुवन फिरसे खिलने वाला-
अरे, बल्लियों उछल रहा है दिल मेरा||३||

प्रेम-रोग का यह बरसों से रोगी है |
बिन तेरे यह बेबस और वियोगी ||
दवा मिलन की मिली, रोग टलने वाला-
शनैः शनैः अब सँभल रहा है दिल मेरा||४||

"प्रसून" तेरे आने की पदचापें सुन|
हर्ष छिपाये बैठे हम मुहँ ढाँपे सुन||
हँसने का सिलसिला है अब चलने वाला -
यों मिलने में सफल रहा दिल मेरा ||५||










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होली गीत

होली खेलेंगे

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आये हैं होलियर , होली खेलेंगे |
आये हमारे द्वार , होली खेलेंगे ||
जम के अब की बार, होली खेलेंगे |
आये हैं होलियार , होली खेलेंगे ||
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महतो आये , म्हातिया आये |
वामन आये , बिरतिया आये ||
बन कर सभी पहुनियाँ आये ||
जोड़ के मन के तार होली खेलेंगे |
दिल में भर कर प्यार होली खेलेंगे ||
आये सारे यार होली खेलेंगे ||
आये हैं होलियार होली खेलेंगे ||१||
भूल के वैर-भाव हम सारे |
जो भी आये पास हमारे ||
मिलेंत्गे सब को बाँह पसारे ||
भूल के हर तकरार , होली खेलेंगे |
नेह का कर इजहार , होली खेलेंगे ||
हम होके तैयार, होली खेलेंगे ||
आये हैं होलितार होली खेलेंगे ||२||
सीता के संग राम ने खेली |
राधा के संग श्याम ने खेली ||
होली सारे ग्राम ने खेली ||
मन की बाँट बहार, होली खेलेंगे|
भेंट प्रेम उपहार , होली खेलेंगे ||
लगा के अलख गुहार , होली खेलेंगे ||
आये हैं होलियार , होली खेलेंगे ||३||
हिंदू , मुस्लिम , सिख, ईसाई |
आपस में सब भाई भाई ||
नफ़रत सब ने आज मिटायी ||
कर रंग की बौछार , होली खेलेंगे |
तोड़ के हर दीवार, होली खेलेंगे ||
प्रीति परस्पर वार , होली खेलेंगे||
आये हैं होलियार , होली खेलेंगे ||४ ||
जला के करकट द्वेष -भाव के |
गा के मीठे छंद फाग के ||
जैसे गाते भ्रमर बाग के ||
कर हुलास , गुंजार , होली खेलेंगे ||
मन के बजा सितार , होली खेलेंगे ||
आये हैं होलियार , होली खेलेंगे ||५ ||
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