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गुरु-वन्दना (हे गुरु जागो)


शिक्षक-दिवस पर विशेष  
    (सरे चित्र 'गूगल-खोज' से साभार)
हे सोये गुरु जागो जागो, ‘ज्ञान-दीप’उजियार करो
बन कर वशिष्ठ आओ जग में, सोये ‘राम’ जगाओ तो !
हे ‘सान्दीपन’ ‘कृष्ण कन्हैया’ को सत्पन्थ दिखाओ तो !!
‘राष्ट्र-द्रोह का विप्लव’ देखो, धीरे धीरे पनप रहा !
हे गुरु बन कर ‘रामदास’ तुम, वीर शिवा तैयार करो !
हे सोये गुरु,जागो जागो, ‘ज्ञान-दीपउजियार करो !!१!!
चारों और अकाट्य लग रहा, ’कलि-मल’ का है तामस घेरा !
अपारदर्शी, काला, गँदला जिसने है सारा जग घेरा !!
‘पिशाच-दल’ के हाथों मानो, ’अन्धकार-घट’ लुढ़क रहा -
‘बोध-ज्योति की प्रतिभा-आभा- असि’ से इस पर वार करो !!
हे सोये गुरु,जागो जागो, ‘ज्ञान-दीप उजियार करो !!२!!
फिर से ‘नरहरि’ बन् कर आओ, ’तुलसी’ को फिर चेताओ !
‘मर्यादा की टूटी माला’ जोड़ जगत को पहनाओ !!
मोह के हाथों ‘चित्र ज्ञान का, ’अन्त:-पट’ पर है मिट रहा |
मन में मैल अबोध तत्व की, इसका शीघ्र निखार करो !
हे सोये गुरु,जागो जागो, ‘ज्ञान-दीप’-उजियार करो !!३!!
‘घृणा,वैर,लालच का लावा’, हर दिल ‘ज्वालामुखी’बना |
इसे शान्त कर,करो शिवो मय, ’त्याग-प्रेम का मन्त्र’सुना ||
‘विडम्बना के घन’ छाये,हैं, ’अकल्याण-रस’ बरस रहा |
बनो पुरो-हित,’मानवता’ के, ’हित-जल’ की बौछार करो !
हे सोये गुरु,जागो जागो, ‘ज्ञान-दीपउजियार करो !!४!!
समर्थ गुरु रामदास के लिए चित्र परिणाम




सुशील कुमार जोशी  – (5 September 2014 at 06:02)  

जाग भी जाओ गुरु ।
बहुत सुंदर ।

कविता रावत  – (5 September 2014 at 06:20)  

शिक्षक दिवस पर बहुत बढ़िया सामयिक चिंतन
शिक्षक दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं!

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