जून 2014 के बाद की गज़लें/गीत (6) आत्म बल अपना सँजोयें ! (गीत)
>> Monday, 22 September 2014 –
गीत
(सरे चित्र 'गूगल-खोज' से साभार)
त्याग दें सुस्ती का आलम ! बटोरें ताज़ा नया दम !!
रुकावट आये न कोई-अनवरत
चलते रहें हम !!
त्याग करके नींद गहरी-
तुरत जागें अब न सोयें !
आत्म बल अपना सँजोयें !!1!!
उदासी सब की भगायें ! फूल खुशियों के खिलायें !!
चुभन के माहौल में भी-अमन
की बस्ती बसायें !!
नफ़रतों के धरातल पर-
प्यार के कुछ बीज बोयें !
आत्म बल अपना सँजोयें !!2!!
मत किसी को कार बाँटें ! गन्ध के उपहार बाँटें !!
घृणा का आँचल समेटें-हो सके
तो प्यार बाँटें !!
मत किसी के मन-अटल में-
नुकीले काँटे चुबोयें !
आत्म बल अपना सँजोयें !!3!!
होठ पर मुस्कान हो बस ! मधुर आशा-गान हो बस
!!
चोट खा विशवास अपना-मत कभी
निष्प्राण हो बस !!
छुपायें हर पीर मन की-
किसी के सम्मुख न रोयें !
आत्म बल अपना सँजोयें !!4!!