प्यार खिलौना बना दिया (एक हकीकत)
>> Monday, 9 July 2012 –
गज़लिका
खेला,तोड़ा जब भी चाहा, प्यार खिलौना बना दिया |
सरे आम जिस्मों का सौदा किया,घिनौना बना दिया ||
राधा-किशन कन्हैया वाला प्यार गगन से ऊँचा था -
ओछे प्रेम के दीवानों ने इसको बौना दिया ||
बेलगाम घोड़ों से हो गये, कभी इधर,तो कभी उधर-
मरीचिका में भटके प्रेम को ज्यों मृग-छौना बना दिया ||
'प्रेम पुजारी' बने मदारी रूप वानरी नचा रहे -|
माया-जाल में उलझे प्रेम को जादू टोना बना दिया ||
"प्रसून"लैला मजनूँ राँझे हीर बन गये सौदागर -
व्यापारों से बोझल दिल का कोना कोना बना दिया ||