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हाय रे हाय !!

  

 दोस्ती में छल , हाय रे हाय !                                                                               तेज़ाब में गंगाजल, हाय रे हाय !!
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हीर से मिलने को, राँझा कलपता हुआ !
'वासना' की भट्टी में 'काम' है तपता हुआ ||
'प्यार गया है उबल, हाय रे हाय !!
तेज़ाब में गंगाजल,  हाय रे हाय !!१!!
 

जेठ की दोपहरी में,बरसती आग से |
मौसन-परिवर्तनसे, विखण्डित भाग से ||
सूख गया है कमल, हाय रे हाय !! 
 तेज़ाब में गंगाजल,  हाय रे हाय !!२!!
 
 प्रीति की सीता, चाहत का अशोक वन | 
 उदारता तज त्रिजटा, निकली बन ठन ||
 राम से रावण प्रबल, हाय रे हाय !!
 तेज़ाब में गंगाजल,  हाय रे हाय !!३!!


जज्बों पर स्वार्थों की करारी चोट से |
ज़माने सोच की बदमैली खोट से ||
"प्रसून की आँखें सजल, हाय रे हाय !!
तेज़ाब में गंगाजल,हाय रे हाय !!४!!
          

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