ख्रीस्त-दिवस(एक्समस-डे पर विशेष स्वन्त्र रचना )
>> Tuesday, 24 December 2013 –
घनाक्षरी
(सारे चित्र 'गूगल-खोज'से साभार)
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त्यागी औ वैरागी कोई’ ‘सेंटाक्लाज’ जैसा हो तो,
दुनियाँ में ‘घृणा’ का न कहीं कोई काम हो |
‘कलह’ और ‘हिंसा’ आदि, मन में रहें न कहीं’,
व्यर्थ ‘रक्त-पात’ पर, पूर्णत: विराम हो ||
चारों ओर ‘शान्ति’ के ‘वन-बाग’ फूलें फलें,
सभी के ‘ह्रदय’ में और, ‘प्रेम’ का सु-धाम हो ||
भेद तो गरीब औ अमीर में कहीं न रहे,
‘प्रगति-प्रयास’ सारे, सदा निष्काम हों ||१||
‘’भलाई’ का है प्रतीक’, ‘दान’ की दिलाए याद,
सचमुच ‘बड़ा दिन’, ‘ख्रीस्त का दिवस’ है |
जहाँ जहाँ ‘प्रेम’ होगा, ‘मानवता’ जहाँ होगी,
समझो कि वहाँ वहाँ, ‘ईसा’का ही ‘यश’ है ||
‘मानवीय सेवा-व्रती’, ‘अवतार’ प्रभु’ का था,
‘ख्रीस्त धर्म’ उसी के, ‘प्रयास’ का ‘स्वरस’ है ||
सभी धर्मों के लिये, एक जैसी ‘भावना’ हो,
‘धर्म’ सभी अलग हैं, व्यर्थ की बहस है ||२||
‘सर्व-धर्म-एकता’ हो, लक्ष्य सारे विश्व का ही,
सभी धर्मों के लिये, ‘पूर्ण सम भाव’ हो !
जहाँ जो भी ‘धर्म’ हों वे, पनपें औ फूलें फलें,
कहीं किसी देश में न, ‘आपसी दुराव’ हो !!
यही ‘सीख’ ‘महा सन्त निकोलस’ की है हमें,
एक-दूसरे’ से जुड़ें, सब का ‘स्वभाव’ हो !!
‘प्रीति की सुराही’, ‘मृदु रस’ से भरी हो सदा,
इस में न हो ‘दरार’, और न ‘रिसाव’ हो !!३||
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मेरे ब्लॉग 'साहित्य-प्रसून' पर 'क्रिसमस-दिवस' पर
आप का स्वागत है !
मेरे ब्लॉग 'साहित्य-प्रसून' पर 'क्रिसमस-दिवस' पर
आप का स्वागत है !
बड़ा दिन ईसा का अवतरण दिवस मुबारक।
क्रिसमस दिवस (Xmas Day )पर सर्व समावेशी उद्गारों की रचना प्रस्तुत की है आपने।
बहुत सुन्दर मनोकामना से भरी सुन्दर प्रस्तुति ..
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें!