होली-गीत
>> Sunday, 23 March 2014 –
गीत(चौपई)
कुछ पारिवारिक,सामजिक कारणों से निबट कर और अन्तर्जाल-सुविधा हाथ में आने पर आप सब के बीच पुन: उपस्थित हूँ !मेरी पूज्य भाभीजी के मरणासान्न अस्वास्थ्य में लम्बी पारिवारिक उथल-पुथल के बाद उनकी दुखद अंतिम विदाई हों गयी ! उनकी होली के बाद थोड़ा सामान्य हुआ जब परिवार,तो सभी सेवा-कार्य सुचारू करने का प्रयास कर रहा हूँ !
(सारे चित्र 'गूगल-खोज'से साभार)
सभी मित्रों को होली की शुभ कामनायें !
(1)
होली खेलेंगे (अ)आये
हैं होलियार होली खेलेंगे !
आये
हैं होलियार, होली खेलेंगे !
आये हमारे द्वार, होली खेलेंगे !!
जमके अबकी बार, होली खेलेंगे !
आये हैं
होलियार ,
होली खेलेंगे
!!
‘महतो’ आये , ‘महातिया’ आये |
‘वामन’ आये , ‘बिरतिया’ आये||
बन कर सभी
‘पहुनियाँ’ आये ||
जोड़ के
मन के तार, होली खेलेंगे !
दिल में
भर कर प्यार, होली खेलेंगे !!
आये सारे
यार, होली खेलेंगे !
आये हैं
होलियार, होली खेलेंगे !!1!!
भूल के
बैर-भाव हम सारे |
जो भी आये
पास हमारे ||
मिलेंगे
सबको बाँह पसारे ||
भूल के हर
‘तकरार’,
होली खेलेंगे !
नेह का कर इजहार , होली खेलेंगे !!
हम हो के तैयार, होली खेलेंगे !!
आये हैं होलियार, होली खेलेंगे !!2!!
सीता संग राम ने खेली |
राधा संग श्याम ने खेली ||
होली सारे ग्राम ने खेली ||
मन की बाँट बहार , होली खेलेंगे !
भेंट ‘प्रेम-उपहार’ , होली खेलेंगे !!
लगाके अलख , गुहार होली खेलेंगे !!
आये हैं होलियार, होली खेलेंगे !!3!!
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(मेरे ब्लॉग 'साहित्य प्रसून' पर भी पधारें !)
(मेरे ब्लॉग 'साहित्य प्रसून' पर भी पधारें !)
आयें हैं हुरियार होरी खेलेंगे। लोकसंस्कृति और जन भाषा की मीठास (मिठास )में पगी सुन्दर माधुरी
है।
होली का मधुर संगम ... रँग गए सब इस रँग में ...