"सहा न उससे झूठ गया.." (देवदत्त "प्रसून")
>> Tuesday, 5 October 2010 –
नवगजलिका
सहा न उससे झूठ गया।
प्यारा भइया रूठ गया।।
वह कितनी चालाकी से,
माल सभी का लूट गया।
प्यारा भइया रूठ गया।।
तगड़ी घूस की ताकत थी,
पहुँच के बल पर छूट गया।
प्यारा भइया रूठ गया।।
कच्चा धागा कोशिश का.
इक झटके से टूट गया।
प्यारा भइया रूठ गया।।
"प्रसून" पापों का मटका,
सत्य की चोट से फूट गया।
प्यारा भइया रूठ गया।।